सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से ही पूरी इंडस्ट्री में नेपोटिज्म पर सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में लगातार करण जौहर को टार्गेट किया जा रहा है जो अपनी फिल्मों से कई स्टारकिड्स को लॉन्च कर चुके हैं। सवालों से घिरे करण के सपोर्ट में अब निर्माता राम गोपाल वर्मा भी उतरे हैं। उनका मानना है कि नेपोटिज्स के बिना समाज नहीं रहेगा।
रामू ने करण जौहर का पक्ष लेते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर कई ट्वीट्स के जरिए सफाई पेश की है। उन्होंने सबसे पहले लिखा, 'जो हुआ उसके लिए करण जौहर को दोषी ठहराना यह सिद्ध करता है कि आपको इंडस्ट्री कैसे काम करती है इसकी समझ नहीं है। ये फिल्ममेकर की पसंद है कि वो किसके साथ काम करना चाहता है'।
आगे उन्होंने लिखा, 'सुशांत 12 साल तक पैसे और फेम लेने के बाद अपनी जिंदगी खत्म करते हैं क्योंकि उन्हें एक आउटसाइडर की तरह महसूस होता है। ऐसे में उन 100 एक्टर्स का सुसाइड भी जायज है जो सुशांत के आस-पास भी नहीं पहुंच पाए। अगर आपके पास जो है आप उससे खुश नहीं हो तो आप कभी खुश नहीं रह सकते। अमिताभ बच्चन समेत बॉलीवुड के कई इनसाइडर्स भी पहले आउटसाइडर ही थे। करण जौहर इसीलिए आगे नहीं हैं क्योंकि वो इनसाइडर हैं वो इसीलिए हैं क्योंकि उनकी फिल्में लाखों लोग देखते हैं।
एक के बाद एक ट्वीट करते हुए रामू ने आगे लिखा, 'बॉलीवुड एक मुश्किल जगह है क्योंकि आप तारे तोड़ने के लिए जितना ऊपर जाते हो उतना ही गिरने का खतरा भी होता है। सुशांत को तो चांद मिला था। मगर उन लोगों का क्या जिन्होंने कभी टेकऑफ ही नहीं किया। तो क्या उन्हें भी खुदको खत्म कर देना चाहिए दुनिया को दोष देकर?
नेपोटिज्म से चलता है समाजः राम गोपाल वर्मा
रामू ने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'नेपोटिज्म के बिना समाज धस जाएगा क्योंकि नेपोटिज्म (परिवार का प्यार) मूलरूप से सोशल स्ट्रक्चर का सिद्धांत है। आपको दूसरों की पत्नियों और बच्चों को ज्यादा प्यार नहीं करना चाहिए'।
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