एक ओर जहां सलमान खान लोगों से सुशांत सिंह राजपूत के फैन्स और परिवार के साथ खड़े होने की अपील कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर उनसे जुड़े लोग अब गुपचुप खेमेबाजी में लग गए हैं। सोनाक्षी सिन्हा, आयुष शर्मा, साकिब सलीम और जहीर इकबाल ने जहां ट्विटर अकांउट डिलीट किया है तो वहीं, मुदस्सर अजीज ने इंस्टाग्राम को भी गुडबाय बोल दिया है। सभी ने इन्हें नफरत वाली जगह बताया है।
सोनाक्षी सिन्हा की सफाई
सुशांत के निधन के बाद सोनाक्षी सिन्हा वह पहली सेलेब थीं, जिन्होंने ट्विटर को अलविदा कहा। इसके बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ट्रोल किया और उनके ट्विटर छोड़ने की खुशी मनाई। हालांकि, इन ट्रोल्स को जवाब देने के लिए सोनाक्षी ने एक वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा किया है। इसमें सोनाक्षी स्क्रीन पर आती हैं, इधर-उधर देखती हैं और चुटकी बजाकर चली जाती हैं।
सोनाक्षी ने कैप्शन लिखा है- मैंने कैसे अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट किया और नेगेटिविटी से दूर हो गई। कुछ लोग ऐसे खुशी मना रहे हैं, जैसे उन्होंने कोई बाजी मार ली। मैं तुम्हारे लिए खुश हूं। तुम्हे लग रहा है न, लगने दो। किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। लेकिन चलो इसका सामना करते हैं।
मैंने अपनी जिंदगी में गाली और अपशब्दों वाला डायरेक्ट सोर्स काट दिया है। मैंने तुम्हारी वह ताकत दूर कर दी है, जिससे तुम मेरे, मेरी फैमिली और मेरे दोस्तों के बारे में कुछ भी कहने में सक्षम थे। वह एक्सेस छीन लिया है, जो मैंने बहुत भरोसे के साथ तुम्हे दिया था। इसलिए यहां सिर्फ एक ही विनर है और वह मैं हूं।
तुम्हारी नेगेटिविटी का मैंने खुद पर और अपनी जिंदगी पर फर्क नहीं पड़ने दिया। यही वजह है कि पिछले 10 सालों में मेरे 16 मिलियन फॉलोअर्स हुए। बस ऐसे ही और मैं इसके लिए बेहतर हूं। मुझे उम्मीद है कि सभी नफरत करने वाले और ट्रोल्स जल्दी ही स्वस्थ होंगे। सभी को ढेर सारा प्यार। आप अपनी नफरत जारी रख सकते हैं, लेकिन प्लीज ये समझ जाइए कि अब तुम मुझे तक कभी नहीं पहुंच पाओगे।
ट्विटर छोड़ते वक्त बाकी सेलेब्स ने क्या कहा
सोनाक्षी सिन्हा के बाद अभिनेता साकिब सलीम ने ट्विटर छोड़ा। उन्होंने लिखा- मैं ट्विटर से ब्रेकअप कर रहा हूं।" अपनी लंबी सी पोस्ट में वे आगे लिखते हैं- ट्विटर, जब हम पहली बार मिले थे, तुम बहुत लवली थे। भावनाओं को व्यक्त करने, नॉलेज पाने और कई चीजों को समझने का बड़ा मंच थे।
लेकिन अब लगता है कि सभी नफरत में खोए हैं। हर कोई एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने को तैयार है। ऐसी जगह जहां लोगों का गाली देना आम बात है। मुझे इस तरह की ऊर्जा की जरूरत नहीं।
साकिब के बाद जहीर इकबाल 'गुडबाय ट्विटर' लिखते हुए माइक्रोब्लॉगिंग साइट छोड़कर चले गए। सलमान खान के बहनोई आयुष शर्मा ने भी एक पोस्ट लिख ट्विटर को अलविदा कह दिया।उन्होंने लिखा- 280 कैरेक्टर एक इंसान को परिभाषित करने के लिए कम हैं। लेकिन यही 280 अक्षर फेक न्यूज, नफरत और नेगेटिविटी फैलाने के लिए काफी हैं। इस घिनौनी मानसिकता वाले झुंड का हिस्सा नहीं बनना है... खुदा हाफिज।
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खबरों की मानें तो सलमान के अपोजिट 'लकी : नो टाइम फॉर लव' से बॉलीवुड डेब्यू करने वाली स्नेहा उलाल ने भी ट्विटर छोड़ने के संकेत दिए हैं।
फिल्म प्रोड्यूसर मुदस्सर अजीज बहुत पहले ट्विटर छोड़ चुके हैं। वे केवल इंस्टाग्राम पर ही थे। लेकिन अब उन्होंने इस प्लेटफॉर्म को भी गुड बाय कह दिया है। वे लिखते हैं- कोई तनाव नहीं। कोई शिकायत नहीं। यहां रहना बहुत अच्छा था। आप सबने जो प्यार मुझे दिया उसके लिए सभी का तहेदिल से शुक्रिया।
कृति सेनन के एक ट्वीट के बाद शुरू हुआ सिलसिला
सेलेब्स के ट्विटर छोड़ने का सिलसिला उसके बाद शुरू हुआ, जब सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद कृति सेनन ने सोशल मीडिया को फेक और जहरीली जगह बताया था। उन्होंने लिखा था- अगर आप RIP या कुछ और पब्लिकली पोस्ट नहीं करते हैं तो आपको दुखी नहीं माना जाएगा। ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया नई असली दुनिया और असली दुनिया फेक बन गई है।
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शशांक ने ट्विटर छोड़ा, करन ने सबको अनफॉलो किया
सप्ताहभर पहले करन जौहर के साथ जुड़े डायरेक्टर शशांक खेतान ने अपना ट्विटर अकाउंट डीएक्टिवेट कर दिया था। जबकि खुद करन ने नेपोटिज्म को बढ़ावा देने के आरोपों के बाद 8 लोगों (इनमें भी चार उनके ऑफिस से जुड़े हुए) को छोड़ सभी को अनफॉलो कर दिया था।
सोशल मीडिया को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट पुलकित शर्मा कहते हैं- अगर आप किसी प्लेटफॉर्म पर हैं, फिर चाहे यह इंडिया के बारे में हो या चाइना के बारे, आप पोस्ट कर देते हैं। अगर कोई मरता है या शादी करता है तो सेलेब के तौर पर आपको पोस्ट करना पड़ता है।
यह ऐसा है कि जो आपके पेज को फॉलो कर रहे हैं, आप उनसे बातचीत नहीं कर सकते। लेकिन वे आपकी पोस्ट के जरिए आपको जज कर रहे हैं। अगर आप किसी को रिप्लाई नहीं करते हैं तो आपको अपने आपमें ही व्यस्त रहने वाला मान लिया जाता है। यह दबाव वहां हमेशा होता है।
शर्मा का कहना है कि किसी भी दुखद स्थिति में दुख जाताना सामान्य बात है। वे कहते हैं- यह जरूरी नहीं कि आप हर चीज के बारे में पोस्ट करें। वहीं, जब आपकी बिरादरी के कई लोगों ऐसा करते देखते हैं तो आपको लगता है कि इसपे मेरी तरफ से एक पोस्ट होना ही चाहिए।
क्या हैसेलिब्रिटीज की राय
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया को लेकर ऐड गुरु प्रहलाद कक्कड़ का मानना है कि यहां बहुत ज्यादा नेगेटिविटी और ट्रोलिंग है। इसलिए वे हमेशा इससे दूर रहते हैं। उन्होंने एक बातचीत में कहा- इसने बेवजह कई बेकार लोगों को उनकी राय के साथ सशक्त किया है। इसके अलावा वे यह सब गुमनाम तरीके से करते हैं।
फिल्ममेकर मधुर भंडारकर इसे पब्लिक फिगर्स के लिए दोधारी तलवार मानते हैं, जहां कोई कमेंट या पोस्ट करें या न करें, खराब फीडबैक हमेशा उनके रास्ते में आते हैं। वे कहते हैं- सोशल मीडिया जहरीली है। इसके बारे में कोई दो राय नहीं। कभी-कभी आप बेरहम हो जाते हैं। यहां तक कि एक गलत स्पेलिंग पर भी ट्रोल कर दिया जाता है।
यह सबूत बन चुका है। लोग स्क्रीनशॉट ले लेते हैं। आप पोस्ट कर देते हैं, फिर सोचते हैं कि आपने सही किया न? और दोबारा चैक करते हैं। क्योंकि आपको डर लग जाता है कि कहीं ट्रोल न कर दिया जाए। लोग हर बात पर हर्ट हो जाते हैं। फिर चाहे आपके विदेशी कपडें हो, खाने की फोटो हों, जिनपर कमेंट होता है, 'यहां लाखों लोग हैं, जिनके पास खाना नहीं है।'
निम्रत कौर के हवाले से लिखा है कि उन्होंने कभी इस तरह का कोई दबाव नहीं लिया। वे कहती हैं- कई बार मैं चुप रहना बेहतर समझती हूं और जानती हूं कि आपको सबके साथ जाने की जरूरत नहीं है। लोग क्या सोचते हैं, कमेंट करते या जो भी करते हैं या नहीं करते, उससे मुझे फर्क नहीं पड़ता। मैं किसी की प्रतिक्रिया या हैशटैग क्लब में शामिल होने के लिए पोस्ट नहीं करती।
यहां तक कि जब किसी त्रासदी की बात आती है तो किसी को खुद को साबित करने के लिए सोशल मीडिया पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। अगर मैं व्यक्तिगततौर पर किसी गहरी त्रासदी में फंस गई हूं तो मैं किसी प्लेटफॉर्म पर जाकर कुछ नहीं लिखूंगी। जाहिरतौर पर मैं हर उस इंसान के साथ खड़ी हूं, जो इसके साथ खड़ा है।
अभिनेता अमित साध का मानना है कि जिंदगी और सोशल मीडिया पर नफरत और अच्छाई दोनों बराबर मात्रा में हैं। वे कहते हैं- दुर्भाग्य से इंसान के तौर पर हम उत्तेजक और असुविधाजनक चीजों से जुड़े होते हैं। यह ह्युमन साइकोलॉजी है कि हम दरवाजे बंद करना चाहते हैं और इसे विषाक्त कहते हैं।
यह सिर्फ सोशल मीडिया के बारे में नहीं है। आप तय कर सकते हैं कि आप किस सोशल मीडिया में रहना चाहते हैं और इसमें अगर आपके पास कुछ विषाक्त या दुखी करने वाली स्थिति आती है तो यह आप चुन सकते हैं कि आपको इसमें रहना है या नहीं।
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