14 जून को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड में उथल-पुथल मची हुई है। सुशांत ने सुसाइड क्यों किया, इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बॉलीवुड में हावी नेपोटिज्म कोइसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। वहीं, कैंपबाजी की भी बातें सामने आ रही हैं।
कहा जा रहा है कि सुशांत को 7 फिल्मों से बाहर का रास्ता दिखाया गया और यह अन्य एक्टर्स के साथ बनाई गईं जिसके बाद सुशांत डिप्रेशन में आ गए और उन्होंने सुसाइड कर लिया। सच्चाई क्या है ये तो आगे पुलिस की जांच में ही मालूम चल पाएगा लेकिन इस बीच सोनू निगम ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर कर म्यूजिक इंडस्ट्री की काली सच्चाईयों सेपर्दा उठाते हुए चेतावनी दी है कि आगे म्यूजिक इंडस्ट्री से भी सुसाइड की खबरें सुनने को मिल सकती हैं।
सोनू बोले, ‘फिल्मों से बड़ा माफिया म्यूजिक इंडस्ट्री में है’: लगभग साढ़े सात मिनट के वीडियो में सोनू कहते हैं- गुड मॉर्निंग, नमस्ते। मैंने बहुत दिनों से वीलॉग नहीं किया। असल में मेरा मूड नहीं था। भारत कई प्रेशर से गुजर रहा है। एक तो मेंटल और इमोशनल प्रेशर, सुशांत सिंह राजपूत के जाने के बाद। दुख होना लाजमी भी है, क्योंकि अपने सामने एक जवान जिंदगी को जाते हुए देखना आसान नहीं है। कोई बहुत निष्ठुर ही होगा जिसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता हो।
'इसके अलावा भारत-चीन के बीच जो चल रहा है। जिसमें भारत के 20 जवान जो घंटों लड़ने के बाद, तड़प-तड़प कर मरे हैं। मैं एक भारतीय हूं उससे भी ज्यादा एक इंसान हूं आपकी तरह। मुझे दोनों ही चीजें ठीक नहीं लगतीं। क्या चल रहा है मारा-मारी। इंसान, इंसान को मार रहा है। ये चीजें समझदारी से भी हैंडल हो सकती हैं अगर इंसान चाहे तो। भारत तो चाहता है लेकिन सामने वाला शायद तैयार नहीं है या फिर उसका एजेंडा है कोई। जो सभी लोगों के लिए दुख की बात है।'
सोनू आगे बोले, 'मैं इस वीडियो के जरिए म्यूजिक इंडस्ट्री से एक निवेदन करना चाहता हूं, क्योंकि आज सुशांत सिंह राजपूत मरा है। एक एक्टर मरा है। कल को आप किसी सिंगर के बारे में भी ऐसा सुन सकते हैं या फिर किसी म्यूजिक कंपोजर के बारे में भी। या किसी गीतकार के बारे में सुन सकते हैं। क्योंकि हमारे देश में म्यूजिक इंडस्ट्री का जो माहौल है, दुर्भाग्य से फिल्मों से बड़ा माफिया म्यूजिक इंडस्ट्री में है। मैं समझ सकता हूं कि लोगों के लिए बिजनेस करना जरूरी है। सभी को लगता है कि वो बिजनेस को रूल करें। मैं लकी था कि बहुत कम उम्र में आ गया था तो मैं इस चंगुल से बच निकला। लेकिन जो नए बच्चे आए हैं उनके लिए राह आसान नहीं है।'
म्यूजिक इंडस्ट्री पर दो कंपनियों का राज: सोनू ने कहा, 'मैं सबसे बात करता हूं। कितने लड़के-लड़कियां मुझसे इस बारे में बात करते हैं। वो बच्चे हैं, परेशान हैं वो कि निर्माता काम करना चाहते हैं, निर्देशक काम करना चाहते हैं, म्यूजिक कंपोजर काम करना चाहते हैं लेकिन म्यूजिक कंपनी बोलेगी कि ये हमारा आर्टिस्ट नहीं है। मैं समझ सकता हूं कि आप लोग बहुत बड़े हैं, आपलोग म्यूजिक इंडस्ट्री को कंट्रोल करते हैं कि रेडियो में क्या बजेगा, फिल्मों में। लेकिन ऐसा मत कीजिए। दुआ-बद्दुआ बहुत बड़ी चीज होती है। ये ठीक नहीं है। ये जो दो लोगों के हाथों में ताकत है ना, दो लोग हैं बस म्यूजिक इंडस्ट्री के, दो कंपनी हैं। उनके हाथों में ताकत है कि वो तय करें कि कौन गाना गाएगा, और कौननहीं गाएगा।'
सोनू ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘मैं इन सब से निकल गया हूं, मैं अपनी दुनिया में बहुत खुश हूं। लेकिल मैंने नई सिंगर्स, नए कंपोजर्स, नए गीतकार की आंखों मे वो उधेड़बुनदेखी है। वो कभी-कभी खुल कर रोते हैं। अगर वो मर गए तो आपके ऊपर भी सवाल खड़े होंगे। मेरे साथ ऐसा हो सकता है कि मेरे गाने कोई दूसरा एक्टर तय करे। वही एक्टर जिसपर आज कल लोग उंगलियां उठ रहे हैं, वो कह रहा है कि इससे गाने मत गवाओ। उसने अरिजीत सिंह के साथ भी वही कर रखा है।’
सोनू ने आगे बोले, 'मैनें कितने गानों गा रखे हैं जिसकी डबिंग हो चुकी है। सोचिए मैंने आपसे काम नहीं मांगा, लेकिन आप मुझे बुला के मुझसे गाने गवा के फिर मेरे गाने डब करना, ये क्या है। मैं 1991 से मुंबई में काम कर रहा हूं और म्यूजिक इंडस्ट्री में 1989 से काम कर रहा हूं। आप जब मेरे साथ ऐसा कर सकते हैं तो फिर छोटे बच्चों के साथ क्या कर रहे होंगे? एक सिंगर से आप 10 गाने गवाएं और फिर उससे कहें कि 11वें गाने में तुझे लेंगे। तू मेरी कंपनी में है तो मैं ही तुझे काम दूंगा। तू कितना ही अच्छा कलाकार क्यों ना हो मैं तुमसे काम नहीं करवाऊंगा। ये ठीक नहीं है। मेरा तो वक्त निकल गया है लेकिन नए लोगों को बहुत झेलना पड़ रहा है।'
अंत में सोनू ने कहा, ‘मैं जो देख रहा हूं वही कह रहा हूं, कुछ लोग कहेंगे कि सोनू ने मेरा नाम लिया। लेकिन मेरा मानना है कि क्रिएटिविटी दो लोगों के हाथ में नहीं होनी चाहिए। सब आप ही तय करोगे तो म्यूजिक कैसे अच्छा होगा? पहले म्यूजिक कितना अच्छा होता था। राजकपूर का अलग होता था, ओपी नय्यर का अलग होता था और शंकर-जय-किशन का अलग। सबका वेरिएशन था पहले, अभी म्यूजिक इंडस्ट्री संकुचित होती जा रही है। अंत में बस इतना ही कहूंगा कि और लोग सुसाइडना कर लें इसके लिएआप लोग थोड़ा दयालू हो जाइए। हैप्पी फ्रेटर्निटीकी तरह पेश आइए। थैंक यू बाय।’
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