अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बॉलीवुड से विवेक ओेबेरॉय समेत कुछ अन्य सेलेब्स भी पहुंचे थे। वहां से लौटने के बाद विवेक ने सोशल मीडिया पर एक इमोशनल नोट लिखा। जिसमें उन्होंने श्मशान घाट पर हुए अनुभव के बारे में बताया साथ ही कहा कि इंडस्ट्री को सचमुच एक परिवार बनने की जरूरत है, ऐसी जगह जहां प्रतिभा का पोषण होता है, ना कि उसे कुचला जाता है।
सोमवार रात लिखे अपने नोट में विवेक ने बताया, 'सुशांत का अंतिम संस्कार देखना बहुत ही दिल दुखाने वाला था। काश मैं अपना व्यक्तिगत अनुभव उनके साथ शेयर कर पाता और उनके दर्द को कम करने में उनकी मदद कर पाता। मेरी भी अपनी खुद की दर्दभरी यात्रा रही है। ये बहुत अंधेरी और अकेलेपन से भरी होती है। लेकिन मौत इसका जवाब नहीं है।
'उसे सबके बारे में नहीं सोचना चाहिए था'
'काश उसने अपने परिवार, दोस्तों और उन करोड़ों फैन्स के बारे में सोचना बंद कर दिया होता, जो कि आज यह दुखद नुकसान महसूस कर रहे हैं... उसे इस बात के बारे में सोचना चाहिए था कि कितने ज्यादा लोग उसकी चिंता करते हैं।'
'पिता की आंखों में असहनीय दर्द था'
आगे उन्होंने लिखा, 'आज जब मैंने उसके पिता को उसका दाह संस्कार करते देखा, तो उनकी आंखों में जो दर्द था वो असहनीय था। जब मैंने उसकी बहन को रोते हुए देखा, वो गिड़गिड़ाते हुए उससे वापस आने की भीख मांग रही थीं, मैं व्यक्त नहीं कर सकता कि ये सब कितना दुखद था।'
इंडस्ट्री के लिए ये आत्मनिरीक्षण का वक्त
विवेक ने लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि खुद को परिवार कहने वाली हमारी इंडस्ट्री इस मामले में कुछ गंभीर आत्मचिंतन करेगी। हमें बेहतर बनने के लिए बदलाव की जरूरत है, हमें घटियापन कम करने और देखभाल ज्यादा करने की आवश्यकता है। कम पावर प्ले और ज्यादा अनुग्रह व बड़े दिलवाला बनने की जरूरत है। कम अहंकारी और योग्य प्रतिभाओं के लिए स्वीकार्यता बढ़ाने की जरूरत है।'
'इंडस्ट्री को सचमुच परिवार बनने की जरूरत है'
आगे उन्होंने कहा, 'इस परिवार को सचमुच एक परिवार बनने की आवश्यकता है... ऐसी जगह जहां प्रतिभा का पोषण होता हो, ना कि उसे कुचला जाता हो... ऐसी जगह जहां कलाकार को सराहना मिलती हो, ना कि उसके साथ हेराफेरी होती हो। ये हम सभी को जगाने वाली घंटी है।'
'शायद हम आपके लायक नहीं थे'
अपने नोट के आखिरी में उन्होंने लिखा, 'मैं हमेशा मुस्कुराते रहने वाले सुशांत सिंह राजपूत को याद करूंगा। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान उन सारे दुखों को दूर करें जिन्हें मेरे भाई तुमने झेला था और तुम्हारे परिवार को इस दुख का सामना करने की शक्ति दें। मैं प्रार्थना करता हूं कि अब आप एक बेहतर जगह पर होंगे, शायद हम आपके लायक नहीं थे।'
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