सुशांत सिंह राजपूत और संजना सांघी स्टारर दिल बेचारा 24 जुलाई को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो रही है। यह संजना की बतौर लीड एक्ट्रेस पहली बॉलीवुड फिल्म है। अपने पहले को-एक्टर सुशांत की मौत से संजना को भी तगड़ा झटका लगा है।
सुशांत ने सुसाइड जैसा कदम क्यों उठाया, इसके पीछे की वजह तलाशी जा रही है लेकिन यह बात भी सामने आ चुकी है कि सुशांत डिप्रेशन से जूझ रहे थे। पुलिस उनकी मौत के कारणों को जानने की कोशिश कर रही है। इस सिलसिले में 40 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
पिछले दिनों 3 साइकेट्रिस्ट के भी बयान लिए गए जो डिप्रेशन से जूझ रहे सुशांत का इलाज कर रहे थे। इसके बाद कुछ खबरें सामने आईं कि इन साइकेट्रिस्ट ने पुलिस को बताया कि सुशांत बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित थे। इन खबरों पर संजना ने अपना रिएक्शन दिया है।
सेट पर कभी खोए हुए नहीं दिखे सुशांत
पिंकविला को दिए इंटरव्यू में संजना ने कहा, ''मैं सुशांत से पहली बार फिल्म 'दिल बेचारा' के सेट पर ही मिली थी, इसलिए मेरे लिए ये कह पाना बहुत मुश्किल है कि 2015 या 2016 में और फिल्म की शूटिंग दौरान वाले सुशांत में क्या फर्क था। मैंने जब सुशांत के साथ काम किया, तब ही उन्हें जाना। मुझे ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ कि वो कहीं खोए हुए हैं क्योंकि सेट पर बेहद फोकस्ड रहा करते थे।
फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है और इसे देखकर कोई ये नहीं कह सकता कि वो एक ऐसे एक्टर हैं जिसका दिमाग कहीं और था, वो पूरी तरह से अपने किरदार में थे। वह बेहद सपोर्टिव हुआ करते थे।
संजना ने कहा, मैंने उनके बाइपोलर डिसऑर्डर को लेकर छपी खबर नहीं पढ़ी है, मैं साइकोलॉजिस्ट नहीं हूं। काश मैं ये जान पाती कि कोई डिप्रेशन से गुजर रहा है या फिर बाइपोलर डिसऑर्डर से गुजर रहा है। मेरे पास मेरे खास दोस्त हैं, जिनके साथ मैं बड़ी हुई हूं। वो मुझे बताती हैं कि वो थेरेपी के लिए डॉक्टर्स के पास जा रही हैं। ये सुनकर मैं बस उन्हें यही कहती हूं कि मैं तुम्हारे बहुत खुश हूं।
संजना ने आगे कहा, मैं मेंटल हेल्थ के मुद्दे को बहुत ही अलग तरह से देखती हूं। खुद मैं भी इस वक्त बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही हूं तो मेरे लिए भी कुछ आसान नहीं है। मैं सुशांत की बीमारी को लेकर कुछ नहीं जानती थी और अगर वह कभी इस बारे में कुछ भी बताते तो हम इस बारे में जरूर बताते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
मानसिक बीमारी है बाइपोलर डिसऑर्डर
बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है, जिसमें इंसान के व्यवहार में तेजी से बदलाव आने लगता है। इसे मैनिक डिप्रेशन भी कहते हैं। इससे ग्रसित इंसान कई बार अपने आसपास के लोगों पर विश्वास करना बंद कर देता है।
डॉक्टर्स के मुताबिक, सुशांत के मामले में भी ऐसा ही था। उन्होंने पुलिस को बताया कि सुशांत किसी भी डॉक्टर से दो या तीन बार मिलते थे और फिर उसे बदल देते थे। इसकी वजह शायद यही थी कि वे अपने डॉक्टर्स पर भरोसा नहीं करते थे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3jsA0eD
No comments:
Post a Comment