बॉलीवुड की दिग्गज कोरियोग्राफर सरोज खान का गुरुवार की रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 71 साल की थीं। उन्होंने अपनी आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत के निधन के वक्त की थी। जिसमें उन्होंने युवा अभिनेता की असमय मौत पर दुख जताया था।
सुशांत के लिए लिखी पोस्ट में सरोज ने लिखा था, 'सुशांत सिंह राजपूत मैंने कभी आपके साथ काम तो नहीं किया था, लेकिन हमारी मुलाकात कई बार हुई थी। आपके जीवन में क्या परेशानी थी? मैं हैरान हूं कि आपने अपने जीवन में इतना कठोर कदम उठा लिया। आप अपने किसी बड़े से बात कर सकते थे, जो आपकी मदद कर देता और फिर हम आपको खुश देख रहे होते।'
आगे उन्होंने लिखा था, 'आपकी आत्मा को शांति मिले और मुझे नहीं पता कि आपके पिता और बहनों पर क्या गुजर रही होगी। इस समय उनके लिए मेरी ओर से संवेदनाएं और शक्ति। मैंने आपको आपकी सभी फिल्मों में प्यार दिया था और हमेशा प्यार करती रहूंगी। आपकी आत्मा को शांति मिले।'
पहली फिल्म थी 'गीता मेरा नाम'
सरोज खान ने तीन साल की उम्र में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम शुरू किया था। इसके बाद 50 के दशक में उन्होंने बैकग्राउंड डांसर के रूप में नई पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे असिस्टेंट डायरेक्टर बनीं और 1974 में आई फिल्म 'गीता मेरा नाम' से उन्हें बतौर स्वतंत्र कोरियोग्राफर पहला ब्रेक मिला था। उस फिल्म में हेमामालिनी लीड रोल में थीं।
आखिरी गाना माधुरी के साथ किया था
अपने करियर में उन्होंने करीब 2 हजार से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया, जिसके चलते कोरियोग्राफी के मामले में उन्हें 'मदर ऑफ डांस' भी कहा जाता है। उन्होंने आखिरी बार 2019 की फिल्म 'कलंक' के गाने 'तबाह हो गए...' में माधुरी दीक्षित को कोरियोग्राफ किया था। 15 मई को माधुरी दीक्षित के बर्थडे पर उन्होंने इस पोस्ट के जरिए उन्हें बधाई दी थी।
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24 जून को अस्पताल में भर्ती हुईं थीं
24 जून से ही सरोज की तबीयत खराब थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। जिसके बाद उन्हें मुंबई के गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद कोरोना टेस्ट कराया गया। जो कि निगेटिव आया था।
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