वैक्सीन आने या न आने के बावजूद अक्षय कुमार, वाणी कपूर, जैकी भगनानी, रंजीत एम तिवारी शूट करने की पूरी तैयारी में हैं। स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के विभिन्न इलाकों में जाने पर लगातार रणनीति तैयार हो रही हैं। मंगलवार को वाणी कपूर को जैकी भगनानी के दफ्तर पर भी पाया गया। यह सब कुछ कैसे हो रहा है, आधिकारिक तौर पर फिल्म के राइटर असीम अरोड़ा ने दैनिक भास्कर के साथ शेयर किया है।
राइटर बिरादरी ने इस नए नॉर्मल के साथ कैसे तालमेल बिठाया है?
लॉकडाउन के शुरूआती दिनों में यकीनन बड़ी दिक्कत हुई। मेरा दो साल का बच्चा है। मदर भी साथ रहती हैं। संयोग ऐसे थे, जो वो ऑस्ट्रेलिया चली गईं थीं भाई के पास। मैं 14 से 16 घंटे काम करने वाला आदमी रहा हूं। अब उस काम के अलावा बच्चे का भी ख्याल रखना पड़ रहा था। मां साथ में नहीं थीं तो उनके बगैर भी अजीब सा लगने लगा था। फिर मैं और मेरी वाइफ ने मिलकर रूटीन बनाया। 14 से 16 घंटे तो काम करने को नहीं मिलता, मगर पांच से सात घंटे काम कर रहा हूं। बाकी समय बीवी बच्चे को दे रहा हूं।
क्या शूटिंग ना होने से राइटर्स के मन में एक असुरक्षा का माहौल है?
जी हां, ये जाहिर है। कई तो वेब शोज पर ध्यान दे रहे हैं। उधर से बुलावा भी आ रहा है। जो लोग फिल्में करते रहे हैं, उन्हें कभी-कभी लगता है कि वेब शो उस स्केल का बनेगा कि नहीं, बजट में कटौती न हो जाए, मंदी न घर कर जाए, वह डर रहता है। पर मैं तो खुद को समझा चुका हूं। ये हालात रहने वाले हैं। इसी में रास्ता बनाना है। वैक्सीन आ जाएगी तो माहौल चेंज हो जाएगा। लिहाजा सेहत खासकर मेंटल हेल्थ पर ख्याल रखिए।
बेलबॉटम की टीम वैक्सीन के बिना शूट पर कैसे जा रही है?
ऐसे मामलों में इंटेंट दिखाना होता है। खासकर बड़े प्रोड्यूसर और एक्टर के मामले में। अगर उस बिरादरी की तरफ से डर जाहिर होगा तो नीचे डायरेक्टर, चीफ एडी, फर्स्ट एडी, स्पॉट दादा तक डर पसरेगा। अक्षय सर ने हिम्मत दिखाई तो सब लोगों की हिम्मत बंधी।
उन्होंने खास तौर पर क्या कुछ कहा?
यही कि हमारे सामने यह माहौल है। तैयारी ऐसी रखनी है कि एक भी बंदा बीमार न पड़े सेट पर। अचीव यह करना है कि प्रिकॉशन हंड्रेड परसेंट से ऊपर का हो। यह सब करते हुए फिल्म भी वैसी ही बनानी है, जैसी लॉकडाउन से पहले बनाने चले थे। रास्ता पहले भी ऐसा ही था। अब अतिरिक्त एलर्ट होकर आगे बढ़ना है।
बच्चन परिवार के कोरोना संक्रमित होने पर बेलबॉटम की टीम पर क्या असर पड़ा?
ये लोग बहुत बड़े नाम हैं। दुर्भाग्य से उन्हें यह हुआ। मेरा ख्याल है कि ये लोग फाइट बैक कर जाएंगे। जैसा हो भी रहा है। अब अगर बीमारी वहां तक पहुंच सकती है तो कहीं भी पहुंच सकती है। ऐसे में हम और एलर्ट हुए हैं। अतिरिक्त सचेत होकर हम काम करेंगे। एक फूलप्रूफ कवर बनाना होगा।
किस डेट के लिए टिकटें बुक हो गई हैं?
अभी डेट तो लॉक नहीं हुई हैं। अगस्त का ही प्लान है। कुछ लोग जुलाई के आखिर में निकलेंगे। तैयारी ऐसी हैं कि इंटरनेशनल फ्लाइट्स नहीं हो रहीं तो चार्टेड फ्लाइट्स बुक की जाएं। अभी सब कुछ प्लानिंग स्टेजेज में है। पुख्ता तौर पर जानकारी जल्द आ जाएगी। फिलहाल सावधानी के लिहाज से जैकी भगनानी की तरफ से जो तैयारियां हैं, वो बहुत पुख्ता हैं।
तकनीकी तौर पर क्या तैयारियां हैं?
पीपीई किट्स से लेकर सेट पर किनके पास मास्क, ग्लव्स, शील्ड होंगी। सेट पर अंदर जाने से पहले कितने दिन पहले आप की टेस्टिंग होगी, उन सबका ब्लूप्रिंट बन चुका है। डेली थर्मल चेक करने के अलावा ऑक्सीमीटर चेकिंग होगी। एक अलग लेवल की तैयारी चल रही है।
क्या फिल्म जासूस की कहानी है?
जी हां। एक एस्पियोनाज वर्ल्ड में ही सेट है। रियल केस से कहानी ली गई है। इसके बारे में लोग नहीं जानते। साथ ही तमाम थ्रिल के बीच इमोशनल एंगल भी है। कुछ आतंकी घटनाओं पर बेस्ड है। विदेशी गुप्तचर संस्थाएं भी इसमें इनवॉल्व थीं।
यानी शीत युद्ध के टाइम का है?
नहीं। न तो कोल्ड वॉर और ना ही वर्ल्ड वॉर का। दुनिया की गुप्तचर संस्थाएं भी आपस में एक अलग इक्वेशन शेयर करती हैं। उनके अहम के टकराव भी कभी कभार कैसे दुनिया को विध्वंस के मोड़ पर ला खड़ा करती हैं, कहानी उसकी भी है।
वेब सीरीज के लिए गौरांग दोषी भी चार्टर्ड प्लेन से जाएंगे?
बेलबॉटम की टीम के अलावा गौरांग दोषी भी अपने वेब शो को शूट करने के लिए चार्टर्ड प्लेन हायर कर रहे हैं। वे वेब शो ‘सेवेंथ सेंस’ और ‘लाइन ऑफ फायर’ हैं। चार्टर्ड प्लेन से वे पूरी कास्ट एंड क्रू को दुबई ले जाएंगे। इस बात की पुष्टि गौरांग दोषी ने की है। ‘सेवेंथ सेंस’ में आर माधवन, रोनित रॉय और चंकी पांडे हैं। ‘लाइन ऑफ फायर’ में प्रकाश राज, तनिष्ठा चटर्जी और जिमी शेरगिल हैं। गौरांग कहते हैं, ‘हम यूएई और दुबई में शूट करेंगे।
हमें वहां के प्रिंस सुहैल मोहम्मद अल जरूनी की मदद मिल रही है। उनके चलते शूटिंग मुमकिन हो रही है। विभिन्न लोकेशनों पर हमें शूटिंग करने की परमिशन मिल चुकी है। हम सब चार्टर्ड प्लेन से वहां को रवाना होंगे। पहुंचने पर होटल में आइसोलेट भी रहेंगे। लोकेशनों को सैनिटाइज करते रहेंगे। पूरी यूनिट आइसोलेटेड प्लेस पर रहेगी। आउटसाइडरों के साथ ज्यादा मेल मिलाप नहीं करेंगे।
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