सुशांत की मौत पर एक और नया खुलासा सामने आया है। सीबीआई जांच, पीएमओ से हस्तक्षेप की मांग और वकील ईशकरण भंडारी को नियुक्त करने वाले सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट के जरिए सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डॉ. कूपर हॉस्पिटल की टीम से भी पूछताछ करने की मांग की है। स्वामी का कहना है कि सुशांत के शव को अस्पताल ले जाने वाले एम्बुलेंस कर्मचारियों के अनुसार उनका पैर टखने के नीचे मुड़ गया था जैसे कि वह टूट गया हो।
90 मिनट में हुआ था पोस्टमॉर्टम
इंडिया टुडे की खबर के अनुसार सुशांत का पोस्टमॉर्टम 90 मिनट में हो गया था। जांच करने के बाद उनका विसरा सुरक्षित रखा गया था। आम तौर पर एक पोस्टमॉर्टम में 2 से 3 घंटे लगते हैं। लेकिन सुशांत के केस में डॉक्टर्स ने कहा था कि इस तरह की कोई लिमिट तय नहीं है। इतना ही नहीं मुंबई पुलिस के अधिकारियों के इशारे पर सुशांत का पोस्टमॉर्टम सूर्यास्त के बाद किया गया।
ड्राइवर ने किए चौंकाने वाले खुलासे
सुशांत की बॉडी ले जाने वाले एम्बुलेंस ड्राइवर ने उनकी मौत के 56 दिन बात बयान दिया कि सुशांत का शरीर पीला पड़ गया था। उनके पैर मुड़े हुए थे और उनके पैरों पर निशान थे। ड्राइवर ने बताया कि बॉडी को देखकर सब कुछ संदेहास्पद लग रहा था। आत्महत्या के मामले में शरीर का पीला पड़ना सामान्य बात नहीं है। न ही इस तरह के मामलों में पैर मुड़ते हैं।
ये थी कूपर के डॉक्टर्स की रिपोर्ट
सुशांत की फाइनल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को 5 डॉक्टर्स की टीम ने तैयार किया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि सुशांत की मौत फांसी लगाने के बाद दम घुटने से हुई है। यह सवाल खड़े हो रहे थे कि किसी ने सुशांत को गला दबाकर मारा है। पर जांच में ऐसा कुछ नहीं आया था। सुशांत के शरीर पर भी कोई स्ट्रगलिंग मार्क्स (जोर जबरदस्ती के निशान) नहीं मिले और न ही नाखून से कुछ मिला था।
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