आज रविवार को वर्ल्ड म्यूजिक डे के मौके पर भारत के 5000 गीतकार संगीतकार और गायक ने अपने हक की लड़ाई छेड़ी है। उन्होंने 'क्रेडिट द क्रिएटर' मुहिम की शुरुआत की है। इसके तहत म्यूजिक कंपनियों टेलीविजन और रेडियो चैनल्स को दो टूक शब्दों में कहा जा रहा है कि संगीत बिरादरी से जुड़े लोगों के क्रेडिट को कभी कतई ना छीना जाए। नाम और दाम समय पर दिए जाएं। इस अभियान को संगीत बिरादरी की सबसे बड़ी संस्था आईपीआरएस के बैनर तले शुरू किया गया है। रविवार को जावेद अख्तर, गुलजार, प्रसून जोशी, ए आर रहमान, समीर अंजान जतिन ललित, आनंद-मिलिंद, अनु मलिक से लेकर सोनू निगम, शान और अलका याग्निक जागरूकता अभियान चलाएंगे।
म्यूजिक इंडस्ट्री वालों को नहीं मिलती पहचान
संस्था से जुड़े गीतकार समीर ने आधिकारिक तौर पर दैनिक भास्कर से बातचीत की। उन्होंने कहा, 'संगीत बिरादरी में ऐसे हजारों लोग हैं, जिनके गाने तो बहुत मशहूर हैं, लेकिन उनका कभी कोई जिक्र नहीं करता है। भले उनके गाने टीवी चैनलों और रेडियो स्टेशनों पर चलते रहें। म्यूजिक कंपनियां अलग-अलग प्लेटफार्म पर चलाते रहें, लेकिन जिसने गाना बनाया, लिखा, कंपोज किया या गाया उसका नाम नहीं लिया जाता है। उसे उसका ड्यू क्रेडिट नहीं दिया जाता रहा है। यह बरसों से होता रहा है। इसकी वजह से भी एक हद तक उन्हें आगे काम मिलने में दिक्कत होती रही है। मगर अब ऐसा नहीं होगा। जो भी कंपनियां या चैनल गाने चलाएंगे उन्हें हर जगह नाम तो डालना होगा।
ये उनका मोरल राइट है
बहुत पहले साहिर लुधियानवी जी ने आवाज उठाई थी तो चीजें ठीक हुई थी मगर पिछले 20-25 सालों से फिर से यही हाल है। हमारी संस्था ने हाल के वर्षों में अभियान चलाया तो अब पिछले 2 सालों से संगीत बिरादरी के लोगों को रॉयल्टी तो मिलने लगी है। मगर उनके नाम के साथ अभी भी खेल हो रहे हैं। क्रेडिट नहीं दिया जा रहा है। असल में जबकि यह मोरल राइट है।
इससे अच्छा कोई दिन नहीं हो सकता
इस मुहिम को शुरू करने के लिए इससे अच्छा कोई दिन नहीं हो सकता था। अभी हम लोग सिर्फ गुजारिश कर रहे हैं उम्मीद करते हैं कि लोग मान जाएं। मगर फिर भी कुछ नहीं हुआ तो हम सरकार के पास जाएंगे। कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
हम राइटर्स को हक दिलाकर रहेंगे
जैसे अनवर सागर जैसे राइटर थे। उनकी साल में चार पांच लाख रुपए से लेकर ₹10 लाख तक रॉयल्टी बनती थी। वह उन्हें अब लड़ाई लड़ने के बाद पिछले 2 सालों से मिल रही है। उससे 15 से 20 साल पहले तक उन्हें रॉयल्टी कुछ भी नहीं मिली थी। ऐसे अनवर सागर इंडस्ट्री में कम से कम 2000 तो हैं ही, जिन्हें नाम और दाम दोनों नहीं मिल रहे। ऐसे में उन्हें नाम दिलाने की मुहिम अब शुरू हो गई है। उन्हें उनका हक दिलाकर रहेंगे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3efPgse
No comments:
Post a Comment