16 जून, 2000 को रिलीज हुई जोरूका गुलाम फिल्म एक जबरदस्त हिट साबित हुई थी। गोविंदा, ट्विंकल खन्ना, कादर खान, जॉनी लिवर स्टारर फिल्म केआज20 साल पूरे हो चुके हैं। इस खास अवसर पर निर्माता-निर्देशक शकील नूरानी ने दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत में साझा किए दिलचस्प किस्से:
पीक टाइम होने के बावजूद साइन करना रहा आसान
बेशक, अपने पीक टाइम में गोविंदा, कादर खान, जॉनी लीवर आदि काफी बिजी थे। एक साथ दो-दो शिफ्ट में काम करते थे। लेकिन इनको उस टाइम एक साथ साइन करना मुश्किल नहीं, बल्कि काफी आसान रहा। इसकी वजह यह थी कि ये सभी लगभग एक साथ काम करते थे, इसलिए इन सबकी डेट उसी हिसाब से खाली होती थी। जोरू का गुलाम के लिए पहले गोविंदा फिर ट्विंकल खन्ना कास्ट की गई। उसके बाद तो जॉनी लीवर, कादर खान आदि साइन कर लिए गए।
राजू पटेल के रोल के लिए एक्टर ढूंढने में काफी दिक्कत आई
अली असगर ने राजू पटेल का जो किरदार निभाया है, उसके लिए काफी दिक्कतें आई। सबसे पहले सतीश कौशिक को लेने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन सतीश कौशिक की डेट ही मैच नहीं हुई। शक्ति कपूर को लेने के बारे में बात चली तो मैंने कहा कि वह इस रोल के लिए सूट नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा एक दो नाम इसी तरह और रिजेक्ट हुए। फिर सोचा कोई नया लड़का ले लेते हैं। आखिर में अली असगर को साइन किया गया।
रिकॉर्ड टाइम में बनी फिल्म
उस समय गोविंदा की कोई फिल्म रिकॉर्ड टाइम में नहीं बनती थी, क्योंकि 100-150 शिफ्ट तो कैंसिल ही हो जाती थी। इसलिए हमने स्ट्रेटजी बनाई कि इसकी 80 पर्सेंट शूटिंग हैदराबाद स्थित रामोजी राव स्टूडियो में की जाएगी और 20 पर्सेंट शूटिंग मुंबई में होगी। इस तरह इसकी शूटिंग रिकॉर्ड टाइम 34 दिनों में कंप्लीट कर ली गई।
रिपीटेशन का डर बिल्कुल नहीं लगा
यह सच है कि उस समय कादर खान, जॉनी लीवर, शक्ति कपूर एक साथ खूब दिखाए जाते थे, लेकिन मुझे रिपीटेशन का बिल्कुल डर नहीं लगा। क्योंकि उन दिनों गोविंदा की एक फिक्स ऑडियंस होती थी, जो उन्हें इसी पैकेज के साथ देखना चाहती थी।
दोपहर 2 बजे सेट पर पहुंचने के बजाय रात 8:30 बजे आए गोविंदा
मुंबई स्थित एक बंगलों में दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे की शिफ्ट थी। कादर भाई, जॉनी लीवर, अशोक सर्राफ आदि सभी कलाकार तयशुदा समय पर पहुंच गए। लेकिन गोविंदा दोपहर 2 के बजाय रात 8:30 बजे पहुंचे। उस समय गोविंदा कल्याण स्थित मालचंद घाट पर शूटिंग कर रहे थे। सेट पर गोविंदा आते ही सॉरी-सॉरी कहते हुए बताने लगे मैं मालचंद घाट से आ रहा हूं।उन्हें फटाफट तैयार होने के लिए कहते हुए सीन और डायलॉग के बारे में बता दिया गया। पांच-सात मिनट में तैयार होकर गोविंदा हाथ में डायलॉग शीट लेकर आए और बोले चलो मैं रेडी हूं। एक घंटे के अंदर दो बड़े-बड़े सीन गोविंदा ने ओके करवा दिया। थिएटर में इन्हीं दो सीन पर खूब तालियां और सीटियां मिली।
पूरी टीम सो रही थी और सेट पर पहुंच गए गोविंदा
हैदराबाद स्थित रामोजी राव स्टूडियो में आखिरी 2 दिनों की शूटिंग बची थी। कुछ सीन सहित मैं जोरू का गुलाम बन कर रहूंगा... गाना शूट करना था। लेकिन आखिरी दिन गोविंदा आकर बोले कि मुझे एक ऐड फिल्म की शूटिंग करने जाना है। मुझे इसके लिए कैश पेमेंट मिल जाएगा। क्या मुझे 2:00 बजे तक शूटिंग से फ्री कर सकते हो? मैंने कहा कि अगर सुबह 7:00 बजे की शिफ्ट में आते हो, तब दोपहर 2 बजे तक छोड़ सकता हूं, क्योंकि मुझे इस गाने के लिए पूरी शिफ्ट चाहिए।
गोविंदा सुबह 7 बजे शूटिंग पर आने की बात कहकर गाड़ी में बैठकर चले गए। तब मैंने प्रोडक्शन वालों को बोला कि 7 बजे के बजाय 9 बजे की शिफ्ट रखिए, क्योंकि चीची आने वाले नहीं हैं। डांस मास्टर गणेश आचार्य, ट्विंकल खन्ना सहित पूरी यूनिट को 9 बजे आने के लिए बोल दिया। सुबह-सुबह मैं सो ही रहा था कि मेरे असिस्टेंट का फोन आया और कहने लगा कि चीची सेट पर पहुंच गए।
पहली बार सुबह सेट पर पहुंचे थे गोविंदा
मैंने कहा कि तू मजाक क्यों कर रहा है? उसने कहा मैं आपका असिस्टेंट हूं आखिर आप से मजाक क्यों करूंगा! असिस्टेंट का फोन रखते ही मैंने मास्टर गणेश को फोन लगाकर बोला कि चीची तो लोकेशन पर पहुंच गए हैं। नींद में गाली बकते हुए गणेश कहने लगे- शेट्टी जी मैं चीची के साथ दो सौ से ज्यादा गाने किया हूं। ऐसा हो ही नहीं सकता कि वह 7:00 बजे सेट पर पहुंच जाएं। मैंने कहा कि मजाक नहीं कर रहा हूं, यह सच है। डिस्कशन मत करो, उठो और तैयार होकर तुरंत सेट पर आ जाओ।
लोगों को नहीं हुआ यकीन
गणेश का फोन रखते ही ट्विंकल को फोन लगाया। वह भी नींद में बोली हेलो हाय बोलो शेट्टी जी। मैंने कहा- टीना ( ट्विंकल को सेट पर सब टीना बुलाते हैं) तुम जल्दी से तैयार होकर सेट पर पहुंच जाओ। चीची पहुंच गया है। उन्होंने भी यही कहा कि शेट्टी जी क्यों सुबह-सुबह जोक मार रहे हो। चीची आज तक कभी इतना सुबह पहुंचा ही नहीं है। मैंने विश्वास दिलाते हुए कहा- वह सच में पहुंच चुके हैं। आप भी तैयार होकर आ जाइए। उन्होंने कहा कि मुझे तो अभी उठकर वॉशरूम जाने से लेकर ड्रेस पहनना है, मेकअप करना है, मैं 8:30 बजे से पहले नहीं पहुंच पाऊंगी। मैंने कहा डिस्कशन का समय नहीं है, जितना जल्दी आ सकती हो आ जाओ, क्योंकि आज आखिरी दिन है।
बहरहाल मैं नाइट ड्रेस में ही होटल से निकल कर सेट पर पहुंचा तो देखा कि चीची के साथ उनका मेकअप मैन कुर्सी पर बैठे थे। चीची ने कहा कि अभी तक कोई आया नहीं है, क्या शूटिंग कैंसिल है? मैंने कहा कि सब पीछे-पीछे आ ही रहे हैं, 15 मिनट में पहुंच जाएंगे।
टाइम काटने के लिए बनाए बहाने
चीची का टाइम पास करने के लिए मैंने कहा कि तुम्हारी दाढ़ी थोड़ी बढ़ी हुई लग रही है। उन्होंने मेकअप दादा से कहा- दादा देखो, मेरी दाढ़ी बढ़ी है क्या? इस बीच मैंने दादा को आंख मार कर इशारा कर दिया। फिर तो दादा ने कहा कि हां, चीची थोड़ा-सा लग रहा है। फिर तो मेकअप दादा ने बैग से सामान निकालकर शुरू हो गए। इतने में प्रोडक्शन और लाइट वालों के पीछे-पीछे गणेश भी आ गए।
टाइम से पहले हुआ था पैकअप
मैंने गणेश से कहा कि चीची को रिहर्सल करवाइए। उन्होंने कहा कि इन्हें रिहर्सल क्या करवाऊं! मैंने इनके साथ 200 पिक्चरें की है। मैं एक बार करूंगा तो यह फौरन उसे दोहरा देंगे। मैंने कहा- ऐसे टाइम पास करो, क्योंकि अभी टीना नहीं आई है। उन्होंने बोला- अच्छा- अच्छा मैं करता हूं। खैर, कुछ देर में ही टीना भी आ गई और फटाफट शूटिंग शुरू हो गई। देखते ही देखते बिना कंप्रोमाइज किए 2:00 बजे तक चलने वाली शूटिंग को 12:30 बजे तक फिल्माकर पैकअप कर दिया। फिर तो चीची कहने लगे- अरे! आपने तो बहुत फास्ट कर लिया।
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