टेलीविजन से अपनी एक्टिंग जर्नी की शुरुआत करने वाले सुशांत सिंह राजपूत बॉलीवुड में भी अपनी बेहतरीन पहचान बना चुके थे। अपने छोटे मगर खूबसूरत सफर के दौरान सुशांत ने कई सितारों के साथ स्क्रीन शेयर की है। उनकी आत्महत्या से पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। इस बुरी खबर के सामने आते ही सुशांत के को-स्टार रहे चुके आलोक पांड और ऊषा नाडकर्णा ने भास्कर से उनके साथ काम करने का अनुभव शेयर किया है।
हर मां को सुशांत जैसा बेटा चाहिए था- उषा नाडकर्णी
टीवी शो पवित्र रिश्ता में सुशांत उर्फ मानव की मां का किरदार निभाने वाली उषा बताती हैं,सुशांत सिंह राजपूत के बारे में सभी ऐसा लगा ही नहीं कि वे इतने एंड तक जा सकते हैं। बहुत ही मृदुभाषी लड़का था। एकदम शर्मिला-सा था। शर्मिला मतलब ग्रुप में वह सबसे छोटा था न।उस समय सीरियल को देख कर हरेक मां यही सोचती थी कि हमें मानव जैसा बेटा चाहिए। सेट पर आते ही हमारी मुलाकात होती थी। वह सबको हाय हेलो बोलता था।
अंकिता लोखंडे के प्यार में पागल थे सुशांत
एक दिन सुशांत सिंह माइक के चलते खामखा सुहास पर गर्म हो गए, तब मैं उन्हें अपने मेकअप रूम में लेकर गई। वैसे तो वह अंकिता की मिस्टेक थी, क्योंकि काम खत्म होने के बाद अंकिता को अपना माइक निकाल कर देना चाहिए था। लेकिन यह पूरा दिन माइक लगा कर रखती थी। सुशांत माइक को लेकर सुहास से झगड़ा करने लगे। तब में सुशांत को बुलाकर अपने कमरे में लेकर गई। सुशांत को समझाते हुए मैंने कहा कि तुम खामखा सुहास पर गर्म हो गए, तुम्हें अंकिता को बोलना चाहिए था। सुशांत मेरी बात को चुपचाप सुनते बैठे। वह तो अंकिता के प्यार में पागल था फिर क्या करेगा। समझदार इतना था कि कभी उल्टा नहीं बोलता था।
तुरंत रिप्लाई करते थे सुशांत-आलोक पांडे
फिल्म एम एस धोनी में सुशांत के दोस्त का किरदार निभाने वाले आलोक पांडे ने कहा, येसाल जल्दी से निकले। मनहूस सा है। यकीन नहीं हो रहा है सुशांत भाई ऐसा कदम उठा सकते हैं। वजह भी समझ में नहीं आ रही है। इतना सब कुछ तो अच्छा चल रहा था उनकी जिंदगी में। छिछोरे के लिए लगातार वाहवाही मिल रही थी उन्हें। हाल ही में उन्हें मैसेज किया था सॉरी भाई छिछोरे अब तक नहीं देख पाया हूं तो उनका तुरंत रिप्लाई आया था पहली फुर्सत निकालकर पहले फिल्म देख। मुझे बहुत अच्छा लगा कि इतने डाउन टू अर्थ है इतने बड़े स्टार होकर भी और तुरंत रिप्लाई करते थे वह।
जिंदगी में सब कुछ पा लिया है- सुशांत
धोनी बायोपिक के समय शुरुआत में तो बहुत ज्यादा हम लोग खुले नहीं थे। पर जब हम लोग खुले तो उसके बाद रिश्ता बहुत गहरा हो गया। फिल्म में एक सीन करने के दौरान वह कहते थे कि लाइफ में उन्होंने सब कुछ पा लिया है। कुछ दिन पहले तक स्ट्रगल थी मगर अब सब कुछ देख लिया। जीवन कुछ है नहीं ऐसा वह कहा करते थे। जीवन तो बस फैमिली ही है बाकी सब कुछ माया है। इस पर मजाक में मैं कहा भी करता था तो क्या मैं गांव चला जाऊं? इस पर वह हंसने लगे थे तब। कहते थे कहां है आलोक, मिलते हैं जल्दी ! पर अब वह कहां मिलेंगे और जल्दी तो खैर....
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