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Friday, 12 June 2020

दीपिका पादुकोण के रिसेप्शन में आयुष्मान को सुनाई गई थी ‘गुलाबो सिताबो’ की कहानी, अमिताभ पहले ही हो चुके थे कास्ट

अमिताभ बच्चन आर आयुष्मान खुराना स्टारर ‘गुलाबो सिताबो’ ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गई है। फिल्म के निर्देशक शूजित सरकार ने एक इंटरव्यू में इसका रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के रिसेप्शन से जुड़ा कनेशन उजागर किया है। उनके मुताबिक, उन्होंने आयुष्मान को फिल्म की कहानी इसी रिसेप्शन के दौरान सुनाई थी।

शूजित बताते हैं, “जी हां, आयुष्मान फिल्म के लिए पहली पसंद थे। लेकिन इससे पहले हमारे बीच काफी डिबेट हुई थी। उनकी कास्टिंग बाद में हुई। सबसे पहले बच्चन (अमिताभ) साहब को कास्ट किया गया था। मुझे याद है कि मैंने उनके (आयुष्मान) लिए खबर ब्रेक की।”

शूजित ने आगे हंसते हुए कहा, “मुझे बहुत अच्छे से याद है कि वह दीपिका पादुकोण का रिसेप्शन था। वहां मैंने उन्हें बेसिक नरेशन दिया। जब हमारे बीच फिल्म को लेकर सहमति बनी तो वे बहुत एक्साइटेड थे।”

कुछ ऐसी है 'गुलाबो सिताबो' की कहानी

फिल्म की कहानी ‘पीकू’ जैसी फिल्मों की लेखिका जूही चतुर्वेदी ने लिखी है। अमिताभ इसमें लखनऊ की नवाबी हवेली फातिमा महल के मालिक मिर्जा बने हैं और आयुष्मान उनके किरायेदार बांके की भूमिका में हैं। कहानी दोनों के बीच होने वाली टॉम एंड जेरी वाली नोक-झोंक के इर्द-गिर्द घूमती है।

आयुष्मान को लाइन्स सुधारने में मदद करते थे अमिताभ

एक इंटरव्यू में आयुष्मान ने बताया कि सेट पर अमिताभ उन्हें उनकी लाइन्स में सुधार करने में मदद करते थे। वे कहते हैं, “वह मेरे लिए आंख खोलने वाला अनुभव था। मुझे याद है कि जब मैं स्क्रिप्ट में अपनी लाइन्स को मार्क कर रहा था तो उन्होंने कहा था कि तुम सिर्फ अपनी लाइन्स क्यों मार्क कर रहे हो, तुम्हे मेरी लाइन्स को भी मार्क करना चाहिए। इससे पता चलता है कि वे प्रोसेस की समग्रता में यकीन रखते हैं। वे स्वार्थी नहीं हैं, बल्कि मददगार हैं।"

फिल्म रिलीज के मौके पर भी की तारीफ

फिल्म रिलीज के मौके पर भी आयुष्मान ने अमिताभ की तारीफ की है। शुक्रवार को उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "जब भी हमारे देश में कोई नौजवान अभिनय के क्षेत्र में कदम रखना चाहता है तो उसका ध्येय होता है अमिताभ बच्चन। मेरी आखिरी फिल्म में एक डायलॉग था कि बच्चन बनते नहीं हैं, बच्चन तो बस होते हैं।"

आयुष्मान ने आगे लिखा है, "जब मैंने बचपन में चंडीगढ़ के नीलम सिनेमा में 'हम' देखी थी तो शरीर में ऊर्जा उत्पन्न हुई, जिसने मुझे अभिनेता बनने पर मजबूर कर दिया। मेरा पहला टीवी शूट मुकेश मिल्स में हुआ था और यही वो जगह थी, जहां 'जुम्मा चुम्मा दे दे' शूट हुआ था। उस दिन मुझे I Have Arrived ( मैं पहुंच चुका हूं) वाली फीलिंग आई थी।

आयुष्मान लिखते हैं, "अगर तब यह हाल था तो आज आप सोच सकते होंगे कि मैं किस अनुभूति से गुजर रहा होऊंगा। 'गुलाबो सिताबो' में मेरे सामने बतौर सह-कलाकार यह हस्ती खड़ी थी और किरदारों की प्रवृति ऐसी थी कि हमें एक-दूसरे को बहुत सहना पड़ा। वैसे असल में मेरी क्या मजाल कि मैं उनके सामने कुछ बोल पाऊं।"

पोस्ट के अंत में आयुष्मान ने अमिताभ के साथ एक ही फ्रेम में लाने के लिए शूजित सरकार का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने लिखा है, "इस विस्मयकारी अनुभव के लिए मैं शूजित दा का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे अमिताभ बच्चन जैसे महानायक के साथ एक फ्रेम में दिखाया है। आप मेरे गुरु हैं, आपका हाथ थामकर यहां तक पहुंचा हूं। सौ जन्म कुर्बान यह जन्म पाने के लिए, जिंदगी ने दिए मौके हजार हुनर दिखाने के लिए।"



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आयुष्मान खुराना की डेब्यू फिल्म 'विक्की डोनर' भी शूजित सरकार ने निर्देशित की थी।


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