सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म, फेवरटिज्म, कैंप के दबदबे और गुटबाजी जैसे मुद्दों को हवा दे दी है। जिनपर बहस थमने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन कोई ना कोई सेलेब इन मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं जिससे माहौल और गरमा रहा है।
इस लिस्ट में गुजरे जमाने के मशहूर विलेन रणजीत का नाम भी जुड़ गया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में इन मुद्दों परअपनी बात रखी है।
77 साल के रणजीत ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'नेपोटिज्मपहले भी होता था और राइवलरी भी। मुझे याद है कि परवीन बाबी को सिलसिला में कास्ट किया जाने वाला था लेकिन प्रोड्यूसर को लगा कि जया बच्चन ज्यादा अच्छी लगेंगी तो परवीन बाबी को हटाकर जया बच्चन कोकास्ट कर लिया गया था।
इसी तरह शोले पहले डैनी को ऑफर हुई थी लेकिन वो बिजी थे तो रोल मुझे ऑफर किया गया लेकिन वो मेरे अच्छे दोस्त थे तो मैंने रोल ठुकरा दिया। इसके बाद रोल किसी और को मिल गया। तो, ऐसी चीजें होती रहती हैं। मैं किसी ग्रुप में नहीं था लेकिन सबके साथ अच्छी बॉन्डिंग थी। मुझे सबसे प्यार मिला।'
बेटा भी करेगा बॉलीवुड में एंट्री
रणजीत ने इस इंटरव्यू में बताया कि उनका बेटा चिरंजीवभी फिल्मों में जगह बनाने के लिए प्रयासरत है। वे बोले, 'बेटा आएगा। वो तैयारी कर रहा है। मैं उसकी चॉइस में ज्यादा दखलंदाजी नहीं करता। वह मुझसे ज्यादा समझदार है।'
रणजीत को याद आया बीता दौर
रणजीत ने इस इंटरव्यू में बीते दौर को भी याद किया। रणजीत ने कहा, 'उस दौरान गर्मी में स्टार्स शूटिंग करते हुए बेहद परेशान हो जाया करते थे। तब स्टार्स वैनिटी वैन शेयर किया करते थे और सब एक परिवार की तरह थे। मुझे भी काम में बहुत मजा आता था। हर शूट के बाद, एक्टर्स मेरे घर में आया करते थे। चाहे धर्मेंद्र हों, जितेंद्र हों या विनोद खन्ना और अन्य, सब मेरे घर पर आते थे। हम साथ में बैठकर खाते-पीते,खूब बातें करते और बैडमिंटन खेला करते थे।'
'रीना रॉय पराठे बनाती थीं तो मौसमी चटर्जी फिश बनाती थीं। सेट पर भी एक्टर्स एक-दूसरे के साथ सीन डिस्कस करते थे। उस समय, राइटर्स को भी बहुत महत्व दिया जाता था, जो मैं ईमानदारी से कहूं तो मौजूदा दौर में बहुत मिस करता हूं।'
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